एक बार जब जंगल का राजा शेर सो रहा था तो एक छोटा चूहा उसके ऊपर से नीचे की ओर दौड़ने लगा। इतने में ही शेर जाग गया उसने अपना पंजा चूहे पर रखा और उसे निगलने के लिए अपने बड़े जबड़े खोल दिए।
"क्षमा करें, हे राजा!" छोटा चूहा रोया। "इस बार मुझे माफ़ कर दो। मैं इसे कभी नहीं दोहराऊंगा और मैं तुम्हारी दया को कभी नहीं भूलूंगा। और क्या पता, इन दिनों में से एक दिन मैं तुम्हारे काम आ सकू।
चूहे की मदद करने में सक्षम होने के विचार से शेर को इतना गुदगुदी हुई कि उसने अपना पंजा उठा लिया और उसे जाने दिया।
कुछ समय बाद कुछ शिकारियों ने शेर को पकड़ लिया और उसे एक पेड़ से बांध दिया। उसके बाद वे उसे चिड़ियाघर ले जाने के लिए एक बग्घी की तलाश में निकले।
तभी छोटा चूहा गुज़रा। शेर की दुर्दशा देखकर, वह उसके पास दौड़ा और उन रस्सियों को कुतर दिया और शेर आजाद हो गया।
"क्या मैं सही नहीं था?" छोटे चूहे ने कहा, शेर की मदद करके बहुत खुशी हुई।
शिक्षा : कर भला तो हो भला।